एक गुरुकुल ऐसा भी, जिसने दी दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों को चुनौती

अहमदाबाद के हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला अर्थात् गुरुकुलम् का वातावरण प्राचीन गुरुकुल-पद्धति के अनुसार बनाने का प्रयास किया गया है। यहाँ पर कुल 72 विषय हैं जो आदिनाथ दादा ने बताये थे, उनका अध्ययन बालक की क्षमता और रुचि के अनुसार उसे कराया जाता है। इस पाठशाला के सभी वर्ग की दीवारें, भूमि इत्यादि गोमाता के गोबर से लिपी हुई हैं तथा ऐसा प्रतीत होता कि विद्यार्थी इस वातावरण में शिक्षा का आनन्द ले रहे हैं। पाठशाला की वास्तु में ठण्ढ़ भी प्रतीत होती है।



अमेरिका के हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय से लेकर भारत की आई. आई.टी.तक में क्या कोई ऐसी शिक्षा दी जाती है कि छात्र की आँखों पर रूई रखकर पट्टी बाँध दी जाए और उसे प्रकाश की किरण भी न दिखाई दे, फिर भी वह सामने रखी हर पुस्तक को पढ़ सकता हो ? है ना चौंकानेवाली बात ! यह भारत में किसी हिमालय की कन्दरा में नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के गृहराज्य गुजरात के महानगर अहमदाबाद में यह चमत्कार आज साक्षात् हो रहा है ! तीन सप्ताह पहले मुझे इस चमत्कारको देखने का सुअवसर मिला। मेरे साथ अनेक वरिष्ठ लोग और थे। हम सबको अहमदाबाद के हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला में विद्यार्थियों कह अद्भुत मेधाशक्तियों का प्रदर्शन देखने बुलाया गया था। निमन्त्रण देनेवालों के ऐसे दावों पर यकीन नहीं हो रहा था। पर, वे आश्वस्त थे कि यदि एक बार हम अहमदाबाद चले जायें, तो हमारे सभी सन्देह स्वतः दूर हो जायेंगे। और वही हुआ।


हेमचंद्राचार्य संस्कृत पाठशाला में विद्यार्थियों ने अद्भुत मेधाशक्तियों का प्रदर्शन किया। छोटे-छोटे बच्चे इस गुरुकुल में आधुनिकता से कोसों दूर पारम्परिक गुरुकुल जैसे वातावरण में शिक्षा पा रहे हैं। पर उनकी मेधाशक्ति किसी भी महंगे पब्लिक स्कूल के बच्चों की मेधाशक्ति को बहुत पीछे छोड़ चुकी है।


आपको याद होगा पिछले दिनों सभी टी.वी.चैनलों ने एक छोटा प्यारा-सा बच्चा दिखाया था, जिसे 'गूगल चाइल्ड' कहा गया। यह बच्चा स्टूडियो में हर प्रश्न के उत्तर सेकेंडों में देता था जबकि उसकी आयु 10 वर्ष से भी कम थी। दुनिया उसके ज्ञान को देखकर हैरान थी। किसी टीवी चैनल ने यह नहीं बताया कि ऐसी योग्यता उसमें इसी गुरुकुल से आई है।


दूसरा उदाहरण उस बच्चे का है, जिससे आप दुनिया के इतिहास की कोई भी तारीख पूछो, तो वह प्रश्न समाप्त होने से पहले उस तारीख को क्या दिन था, यह बता देता है। इतनी जल्दी तो कोई आधुनिक कंप्यूटर भी जवाब नहीं दे पाता। तीसरा बच्चा गणित के 50 मुश्किल प्रश्न मात्र ढाई मिनट में हल कर देता है। यह विश्व रिकॉर्ड है। ये सब बच्चे संस्कृत में वार्ता करते हैं, शास्त्रों का अध्ययन करते हैं, देशी गाय का दूध-घी खाते हैं, बाजारू सामानों से बचकर रहते हैं, यथासंभव प्राकृतिक जीवन जीते हैं और घुड़सवारी, ज्योतिष, शास्त्रीय संगीत, चित्रकला आदि विषयों का इन्हें अध्ययन कराया जाता है।


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