मानवता की ओर एन.एम.ओ. की यात्रा

एक इकाई- एक सेवा कार्य :


इस सेवा कार्य का अर्थ है बचाव तथा इलाज संबंधी सेवाकार्य की एक इकाई एक गाँव गोद लेगी। 1977 में इस संस्था के स्थापन काल से ही संस्था ने इस क्षेत्र में सामाजिक सेवा के माध्यम से पर्याप्त कार्य किया है। 39 वर्षों के कार्यकाल में संस्था ने चिकित्सा-क्षेत्र में मानवता की सेवा करने में पूर्ण शक्ति लगाई है। किसी प्रकार की भी बीमारी अथवा कष्ट से पीड़ित लोगों के सेवा के लिए सदा कार्यशील रही है। जब भी कभी प्रकृति की ओर से अथवा मानव निर्मित आपदा की स्थिति ने आह्वान किया है, संस्था ने गतिशील होकर समाज को उस आपदा से बचाने के लिए भरपूर शक्ति लगाकर सफलता प्राप्त की है।


समाज से संबंधित गतिविधियों का उल्लेख-


मोरबी (गुजरात) मच्छु डैम दुर्घटना 1979


मच्छु नदी पर बने डैम की दीवार ढह जाने के



कारण मोरबी शहर में भयंकर बाढ़ आई। उस संकट काल में डॉ. भारत अमीन तथा डॉ. सुभाष दवे के नेतृत्व में एन.एम.ओ. के दल ने चिकित्सा-शिविरों का आयोजन किया, जिनमें पीड़ितों का उपचार किया गया तथा नागरिकों को मानवों तथा पशुओं के गले-सड़े शवों के कारण आनेवाले स्वास्थ्य-संबंधी संभावित आपदाओं के बारे में बचाव के उपाय बताये गए तथा विभिन्न सेवाभावी संस्थाओं को उन शवों को ठीक प्रकार से ठिकाने लगाने के बारे में मार्गदर्शन किया।


मंडल (गुजरात) 1988 में फैलसिपरम मलेरिया संक्रमण


डॉ. निकमल जोशी (पूर्व एन.एम.ओ. के



 गुजरात के पूर्व सचिव जो अब मध्यपूर्व के देशों में हैं) के नेतृत्व में एन.एम.ओ. का दल चिकित्सा सेवाएं देने के लिए सर्वप्रथम वहां पहुंचा तथा सब से अन्त में वहां से वापिस गया।


1984 में भोपाल गैस कांड



संघ के कार्यकर्ताओं के साथ एन.एम.ओ. के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य एवं मेडिकल सेवाएं दीं। (संघ के कार्यकर्ता ही है जो ऐसी परिस्थिति में सेवा के लिए तैयार रहते हैं।)


आगे और--------