भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के पुरोधा अशोक सिंहल

27.9.1926 : (आश्विन कृष्ण पंचमी, वि.सं. 1983) आगरा में जन्म, माता : श्रीमती विद्यावती देवी, पिता : श्री महावीर सिंह


1942 : 11वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने, असहयोग आन्दोलन में हिस्सा


1948-49 : संघ पर प्रतिबन्ध के बाद सत्याग्रह आन्दोलन करते हुए बनारस में कारावास



1950 : काशी हिंदू विश्वविद्यालय से धातुकर्म (माइनिंग मैटलर्जी) में प्रथम श्रेणी से अभियंता की उपाधि प्राप्त की


1950 : संघ के प्रचारक निकले


1950-1951 : गोरखपुर जिला प्रचारक


1951-1952 : वाराणसी जिला प्रचारक


1952-1958 : सहारनपुर जिला प्रचारक


1958 : कानपुर जिला प्रचारक


1961 : कानपुर में पूज्य गुरुदेव श्री रामचन्द्र से


1963 : कानपुर के अतिरिक्त इटावा, फर्रुखाबाद, उन्नाव और फतेहपुर जिलों में संघ-कार्य


1977-1982 : दिल्ली एवं हरियाणा के प्रांत प्रचारक 06.6.1980 : माताजी का स्वर्गवास


। 1981 : 5-6 लाख संख्यावाले विराट् हिंदू समाज के कार्यक्रम में संचालक के रूप में पहली बार सार्वजनिक मंच पर आये


1982 : विश्व हिंदू परिषद् के संयुक्त महामंत्री


1983 : प्रथम एकात्मता यात्रा


07-08.4.1984 : दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रथम धर्म संसद 


1986 : विश्व हिंदू परिषद् के महामंत्री


1987 : गाज़ियाबाद में विश्व हिंदू परिषद् के अखिल भारतीय चिन्तन-वर्ग में ।


09.11.1989 : अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास


02.11.1990 : अयोध्या में कारसेवकों पर हुए लाठीचार्ज में घायल


4.4.1991 : श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति के लिए दिल्ली के बोट क्लब पर ऐतिहासिक जनसभा का नेतृत्व अक्टूबर


 1991 : उत्तराखण्ड में आए विनाशकारी भूकम्प में सेवाकार्य


10-16.2.1992 : प्रयाग में आयोजित विश्व वेद सम्मेलन में


29-30.10.1992 : नयी दिल्ली में आयोजित पाँचवीं धर्मसंसद में 06 दिसम्बर,


1992 से पुनः कारसेवा शुरू करने का निर्णय


06.12.1992 : अयोध्या में विवादित ढाँचा ध्वस्त : द्वितीय एकात्मा यात्रा


21-22.12.1997 : मोदीपुरम् (उ.प्र.) में तृतीय बौद्ध सम्मेलन में । दिसम्बर,
1998 : दिल्ली में आयोजित विश्व वेद सम्मेलन में।


19.11.1999 : गौतम बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी (नेपाल) में आयोजित विशाल हिंदू-बौद्ध सम्मेलन में


2004 : एकल विद्यालय की स्थापना हेतु प्रवासी भारतीयों से आर्थिक सहयोग एवं समय जुटाने हेतु ब्रिटेन का प्रवास, अमेरिका में 


आगे और-----