समस्याओं का समाधान': चम्पत राय

हिंदुओं को खदेड़ने की ख़बरें सुनने को मिलती हैं। इसमें हम क्या करते हैं? लगता है कई बार तो हमें पता भी नहीं होता।


दोनों बातें रहती हैं। एकाध घटना हो गई है खदेड़ने की। लेकिन कहीं खदेड़ा नहीं गया है। कहीं लाठी लेकर किसी के पीछे कोई नहीं पड़ा है। कई बार आदमी भी डरपोक होता है। और अज्ञात भय से खुद भाग लेता है। लेकिन सबलोग ऐसा नहीं करते। हाँ, समाज दृढ़ता से खड़ा रहे, कायरता-निर्माण न हो, इसके लिए काम करते हैं। लेकिन हमारी भूमिका पुलिस की नहीं है। हम एक सामाजिक काम में जुटे हैं, हम पुलिस जैसी संस्था नहीं हैं। जहाँ समस्या रहती है, वहीं के समाज में काम करते हैं। बाहर से फौज भेजकर शान्तिस्थापना करना यह हमारा काम नहीं है।



विश्व हिंदू परिषद् के सेवा-कार्यों के बारे में कुछ बतायें।


विश्व हिंदू परिषद् तो अपने जन्म से ही सेवा-कार्यों के काम में लगा है। सेवा से ही हमारे कार्य का प्रारम्भ है। आज देश में लगभग 53,000 स्थानों पर हमारा कोई- न-कोई सेवा-कार्य चलता है। फॉर्मल और इनफॉर्मल - दोनों प्रकार के काम हैं। दिखनेवाले और न दिखनेवाले। जो नहीं दिखते, उनका परिणाम दिखता है; और जो दिखनेवाले फॉर्मल हैं, उनकी बिल्डिंग भी दिखती है। शिक्षा, आरोग्य, स्वावलम्बन, ग्राम-विकास, स्वाभिमान-जागरण- इन सब क्षेत्रों में हम काम करते हैं, देश के लगभग 53,000 एरियाज़ में, ग्रामों में। ये ग्राम वनवासी क्षेत्र के हैं, आसाम के ट्राइब्स में हैं, ऊँचे पहाड़ों पर हैं, भारत की सीमाओं के गाँव हैं, ऐसे रिमोट एरियाज़ में हैं।


सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवा-कार्यों का परिणाम कैसा है?


हम परिणाम के लिए विचार ही नहीं करते, काम करते रहते हैं। हमारे परिणामों का आकलन दूसरे लोग करते हैं। जब हमें लगता है कि गालियाँ खूब पड़ रही हैं, तब हम मान लेते हैं कि हमारा काम का परिणाम अच्छा है।


अभी कुछ समय पहले उत्तराखण्ड के कुछ क्षेत्रों में चीनी सेना के घुसने की खबर आई थी?


इसका हमसे क्या लेना-देना? यह तो सेना का काम है। जहाँ चीन घुसपैठ करता है, वहाँ जनता नहीं रहती। हमारा काम तो जनता का है। बद्रीनाथ के आगे एक गाँव है जिसमें छः महीने जनता रहती है। चीन तो उसके बहुत आगे है। बॉर्डर का मतलब कि सेना की भूमिका हमारी नहीं है, जब जरूरत पड़ती है, वह भी करते हैं। लेकिन हमारा काम समाजिक है। जैसे समुद्र के तटवर्ती बस्तियों में कार्य, भारत-नेपाल, भारत- बांग्लादेश, भारत-पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए भारत के गाँवों में हमारा कार्य चलता है।


क्या काश्मीर की सीमा पर भी हमारा काम है?


निःसन्देह। लद्दाख में है। काश्मीर घाटी के अन्दर है। फॉर्मल और इनफॉर्मल। कुछ दिखते हैं, कुछ का परिणाम दिखता है।


विश्व हिंदू परिषद् की सबसे बड़ी प्राथमिकता क्या है? 


हिंदू समाज का काम हमारी प्राथमिकता है। हिंदू समाज की बुराइयाँ नष्ट करना- यह हमारी प्राथमिकता है; घर वापसी का वातावरण बनाओ- यह हमारी प्राथमिकता है; गाय की प्रतिष्ठा जगाओ- यह सब प्राथमिकता है। हमारा कोई 1,2,3,4,5 ऐसा नहीं है।


मन्दिर?


हिंदू का स्वाभिमान जाग गया तो मन्दिर तो अपने आप ही बन जायेगा। आपने देखा नहीं कि एक ट्रक पत्थर आने पर पार्लियामेंट हिल गयी, दो दिनों तक काम ही नहीं हुआ। सांसद रोने लगे। देश के कितने पैसे की बरबादी हुई । एक ट्रक पत्थर मंगाया था दिसम्बर 2015 में। संसद में दो दिन काम नहीं हुआ। 


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