अटल-मिशन' (अमृत)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 को शहरी भारत का कायाकल्प करने के लिए अटल मिशन (अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड अर्बन ट्रांसफर्मेशन/ अटल शहरी पुनर्जीवन और परिवर्तन मिशन = अमृत), स्मार्ट सिटी मिशन तथा सभी के लिए मकान (शहरी) कार्यक्रम की शुरूआत की। ये तीनों ही योजनाएँ देश के शहरों से जुड़ी हुई हैं। इनमें 100 ‘स्मार्ट सिटी बनाने, 500 शहरों के लिए ‘अटल-मिशन' और 2022 तक शहरी इलाकों में सभी के लिए घर बनाने की योजना शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार छोटे शहरों व कस्बों को या फिर शहरों के कुछ अनुभागों को चुनेगी और वहाँ पर बुनियादी सुविधाएँ स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिये 5,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।


 इस ऐलान के बाद हर कोई यही सोच रहा है कि 'अटल-मिशन' के अंतर्गत बननेवाले मोहल्ले, मकान, आदि कैसे होंगे? इस मिशन के अंतर्गत क्या-क्या सुविधाएँ दी जायेंगी? और आम जन के किस वर्ग को इसका लाभ मिलेगा? वस्तुतः इस परियोजना के अंतर्गत जिन कस्बों या क्षेत्रों को चुना जायेगा, वहाँ बुनियादी सुविधाएँ, जैसे- बिजली, जलापूर्ति, सीवर, सेप्टेज मैनेजमेंट, कूड़ा-प्रबंधन, वर्षा-जल संचयन, परिवहन, बच्चों के लिए पार्क, अच्छी सड़क और चारों तरफ हरियाली, आदि विकसित की जायेगी। इनके अतिरिक्त ईगवर्नेन्स के माध्यम से कई ऐसी सुविधाएँ दी जायेंगी जो लोगों के जीवन को सुगम बनायेंगी। हर क्षेत्र के अंतर्गत नगर निकाय कीकमेटियाँ होंगी, जो इस परियोजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी उठायेंगी।


आगे और----