हम कितना पानी पिएँ?

मनुष्य को जीने के लिए तीन चीजें अति आवश्यक हैं- हवा, भोजन " एवं पानी। हमारे शरीर में लगभग 68% पानी रहता है। हमारा शरीर भूख कुछ घण्टे बर्दास्त कर सकता है, परन्तु प्यास ज्यादा घण्टे नहीं रोक सकता है। हमारे शरीर के अन्दर पानी विभिन्न रूपों में विद्यमान रहता है- 1. प्लाज्मा के रूप में, 2. कोशिकाओं में, 3. मस्तिष्क एवं रीढ़ में, 4. फेफड़ों में, 5. पेट में भोजन के साथ, 6. सभी जोड़ों में, 7. आँतों में, 8. मूत्र के रूप में, 9. मांसपेशियों में, 10. हड्डियों में और 11. हृदय में, यानि पूरे शरीर में जल की मात्रा होती है।



हमारे शरीर को अन्दरूनी सफाई के लिए कम-से-कम 2.5 लीटर पानी रोज चाहिए। हमारे शरीर की सफाई के बाद पानी मूत्र, पसीना, त्वचा एवं श्वास-प्रक्रिया द्वारा खर्च होता है।


क्या होता है पानी पीने के बाद?


जब हम प्रातः खाली पेट 1-2 लीटर पानी पीते हैं, तो शरीर में पानी क्या काम करता है? आइए जानते हैं शरीर में जल का प्रभाव।।


शरीर में द्रव्य में परिवर्तन : पानी पीने के बाद शरीर में प्लाज्मा प्रोटीन, ओस्मोटिक प्रेसर कम करता है।


गुर्दे में परिवर्तन : पानी पीने के बाद गुर्दे रक्त छानने का काम प्रारंभ कर देते हैं जिससे मूत्र अधिक बनता है। बाकी गुर्दो की क्षमता या कार्यों में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जीएफआर (ग्लोमेरुलर फिल्टरेशन रेट) भी नहीं बढ़ता है। रक्त में एडीएच (एंटी डायरेटिक हॉर्मोन्स) कम जरूर होता है। बाकी शरीर के कोई आवश्यक तत्त्व बाहर नहीं जाते हैं।


आँतों के कार्य में परिवर्तन : डेढ़ से दो लीटर पानी खाली पेट पीने से पेट एवं आँतें पानी जज्ब कर लेती हैं। इसके बाद प्लाज्मा थोड़ा-सा घुल जाता है और प्लाज्मा का ओस्मोटिक प्रेशर 25 एमएम Hg से घटकर 24 एमएम Hg हो जाता है।


हमें कितना पानी पीना चाहिए?


आजकल बहुत सारे चिकित्सक अलगअलग सलाह देते हैं कि कितना पानी पीना चाहिए। असलियत यह है कि हमें शरीर की दैनिक अन्दरूनी सफाई-कार्यों के लिए कम-से-कम 2.5 लीटर पानी तो चाहिए ही, अर्थात् कम-से-कम रोज 3 लीटर पानी तो पीना ही चाहिए अन्यथा आपको कोई शारीरिक बाधा झेलनी पड़ सकती है। किडनी को कम-से-कम 1.5 लीटर पानी त्वचा को 600 से 800 मिली. पानी, फेफड़ों को 400-500 मिली. पानी तथा अन्य सफ़ाई के लिए 100 मिली. तो पानी रोज अवश्य चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो त्वचा शुष्क हो जाएगी, सुनने की शक्ति तथा नज़र कमजोर होने लगेगी, मुख की लार में, पेशाब में, मल में बदबू आएगा।


हर शरीर की पानी की आवश्यकता अलग-अलग हो सकती है। शारीरिक श्रम करनेवाला ज्यादा पानी पिएगा। कार्यालय के अन्दर बैठकर काम करनेवाला कम पानी पिएगा। सर्दी में कम प्यास लगती है। तथा गर्मी में दोगुना या तीन गुना पानी की आवश्यकता पड़ती है। अतः रोज 3 लीटर से लेकर 5-6 लीटर तक पानी पीने से कोई नुकसान नहीं है बल्कि शरीर की सफ़ाई अच्छी तरह से हो जाएगी। वृक्कों की क्षमता में कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो चिकित्सक कहते हैं कि ज्यादा पानी पीने से गुर्दो में जोर पड़ता है, यह गलत है।


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