भारत में प्रतिरक्षा के क्षेत्र में । आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अंतर्गत 1983 में समन्वित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम प्रारंभ किया, जिसके अंतर्गत पाँच प्रक्षेपास्त्रों त्रिशूल, आकाश, पृथ्वी, नाग एवं अग्नि के विकास की शुरूआत की गयी। प्रमुख पाँच प्रक्षेपास्त्रों सहित भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्रों का विवरण निम्न प्रकार से है
पृथ्वी- सतह से सतह, कम दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेप्रास्त्र
त्रिशूल- सतह से हवा
आकाश- सतह से हवा, बहुक्षेपीय प्रक्षेप्रास्त्र
नाग- टैंकरोधी निर्देशित प्रक्षेप्रास्त्र
अग्नि- सतह से सतह, मध्यम दूरी का बैलिस्टिक प्रक्षेप्रास्त्र
धनुष- जमीन से जमीन पर मार करनेवाला
अस्त्र- हवा से हवा में मार करनेवाला मध्यम दूरी का प्रक्षेप्रास्त्र
ब्रह्मोस- जमीन से जमीन पर मार करनेवाला ध्वनि से तेज सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेप्रास्त्र
सागरिका- सागर की गहराइयों में भी उपयोग किया जा सकता है।
शौर्य- जमीन से जमीन पर मार करनेवाला मध्यम दूरी का हापरसोनिक बैलिस्टिक प्रक्षेप्रास्त्र
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