भारतीय थल सेनाधिकारियों की रैंक एवं उनके बैज

1. फील्ड मार्शल (अवैतनिक पद, युद्ध के समय का रैंक)


फील्ड मार्शल की वर्दी पर कमल के घेरे के अन्दर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं जिनके ऊपर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तम्भ का निशान होता है। ये कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं अर्थात् फील्ड मार्शल जब तक जीवित रहते हैं, तब तक उनके नाम के साथ ‘फील्ड मार्शल' शब्द जुड़ा रहता है। भारत में अब तक केवल दो लोगों को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई है- सैम मानेकशॉ एवं जरनल के. एम. करियप्पा को।



2. जेनरल या सेना-प्रमुख


जेनरल या सेना-प्रमुख की वर्दी पर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं जिनके ऊपर पाँच बिन्दुओंवाला सितारा (स्टार) तथा उसके ऊपर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। थल सेनाध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल या 62 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो जाय) तक है।


3. लेफ्टिनेंट जेनरल


लेफ्टिनेंट जेनरल की वर्दी पर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं जिनके ऊपर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। लेफ्टिनेंट जेनरल की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष निर्धारित है।


4. मेजर जेनरल


मेजर जेनरल की वर्दी पर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं जिनके ऊपर पाँच बिन्दुओंवाले सितारे का निशान होता है। मेजर जेनरल की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष निर्धारित है।


5. ब्रिगेडियर


ब्रिगेडियर की वर्दी पर तीन, पाँच बिन्दुओंवाले सितारे त्रिभुजाकार रूप में रहते हैं जिनके ऊपर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। ब्रिगेडियर की सेवानिवृत्ति की आयु 56 वर्ष निर्धारित है।


6. कर्नल


कर्नल के वर्दी पर दो, पाँच बिन्दुओंवाले सितारे के ऊपर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। कर्नल की सेवानिवृत्ति की आयु 54 वर्ष निर्धारित है।


7. लेफ्टिनेंट कर्नल


लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी पर पाँच बिन्दुओंवाले सितारे के ऊपर अशोक स्तम्भ का निशान होता है।


8. मेजर


मेजर की वर्दी पर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। 9. कैप्टन


कैप्टन की वर्दी पर तीन, पाँच बिन्दुओंवाले सितारे का निशान होता है।


10. लेफ्टिनेंट


लेफ्टिनेंट की वर्दी पर दो, पाँच बिन्दुओंवाले सितारे का निशान होता है।


जनियर कमीशन-अधिकारियों का रैंक एवं उनके बैज ।


11. सूबेदार मेजर या रिसालदार मेजर


सूबेदार मेजर या रिसालदार मेजर की वर्दी पर अशोक स्तम्भ का निशान होता है और स्ट्रिप (पट्टी) लगी रहती है। इनकी सेवानिवृत्ति की आयु 54 वर्ष या 34 वर्ष की सेवा (जो भी पहले हो जाय) के बाद निर्धारित है।


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