अन्तर्जाल पर देशी रियासतों की वंशावली

भारतीय जनमानस में प्राचीन काल Iसे ही वंशावली-लेखन की 'परम्परा रही है। यह परम्परा वैदिककाल से ही दृग्गत होने लगी थी, किन्तु उत्तरवैदिककाल अर्थात् पुराणरचना के समय तक अपने प्रशस्त रूप में दिखाई पड़ती है। पुराणों में जहाँ सूर्य, चन्द्र आदि प्राचीनतम क्षत्रिय राजवंशों की वंशावली का वर्णन हुआ है, वहीं महाभारतोत्तर कलि-नरेशों का भी विस्तारपूर्वक वंश-वृक्ष आरेखित है। प्राचीन, मध्यकालीन एवं अर्वाचीन नरेशों ने अनेकशः शिलालेखों में भी अपनी वंशावली को उत्कीर्ण करवाया है। इतना ही नहीं वंशावली-लेखन की यह भारतीय परम्परा आज भी अनेक रूपों में विद्यमान है।



आजादी से पूर्व भारत में 565 देशी रियासतों का शासन था। प्रत्येक रियासत अपने-अपने भौगोलिक परिवेश और परम्परा के अनुसार शासन करती थी। भारतीय इतिहास के अनेक स्वर्णिम पृष्ठ इन देशी रियासतों के योगदान से अलंकृत हैं। वर्तमान समय की व्यस्ताओं के कारण भागदौड़ की जीवनचर्या के बावजूद आज भी भारतीय जनमानस में इन रियासतों के इतिहास को जानने की उत्कण्ठा और वंशावली के प्रति सहज आकर्षण से प्रेरित होकर सूचना-प्रौद्योगिकी में निष्णात कतिपय कंप्यूटर-अभिन्ताओं ने अन्तर्जाल पर देशी रियासतों की वंशावली (Genealogy) का निर्माण किया है। 1 अक्टूबर, 2001 को ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया-निवासी हेनरी सोस्जयन्स्की (Henry Soszynski) ने INDIAN PRINCELY STATES 1144 वेबसाइट का निर्माण किया, जिसका लिंक www.members.iinet.net. au/roy- alty/ips/ है। इस लिंक को खोलने पर सर्वप्रथम WELCOME TO THE INDIAN PRINCELY STATES WEBSITES संज्ञक पृष्ठ खुलता है। इस पृष्ठ पर इस वेबसाइट से सम्बन्धित सारी सूचनाएँ प्रदर्शित हैं। इसी पृष्ठ पर दाहिनी ओर एक बॉक्स में 1. INDIAN PRINCELY STATES, 2. TALUQ DARS OF OUDH, 3. LIST OF LISTS, 4. INDIA MAILING LIST, 5. SEARCH, 6. QUES- TIONNAIRE, 7. CONTACT एवं 8. PAYPAL DONATE लिखा हुआ है। इन्हें क्लिक करके तद्विषयक जानकारी प्राप्त होती है। सबसे नीचे अंग्रेजी के वर्णानुक्रम से उन रियासतों की सूची दी गयी है, जिनकी वंशावली इस वेबसाइट में उपलब्ध है। 10 मार्च, 2012 ई. से अभी तक 93,561 बार इस वेबसाइट में कुछ- न-कुछ संशोधन-परिवर्धन हुआ है। इस वेबसाइट में अधिकांश वंशावलियों का निर्माण सम्बन्धित रियासतों के वर्तमान उत्तराधिकारियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर किया गया है। इस वेबसाइट का ईमेल royalty@iinet.net.au है।


मुम्बई-निवासी श्री अभिजित ने 2008 ई. में Indian Princely States नामक ब्लॉग बनाया, जिसे कालान्तर में वेबसाइट के रूप में विकसित किया गया। अभिजित जी के द्वारा निर्मित वेबसाइट का लिंक www.indianprincelystates.blog spot.com है।


इसी तरह एक तीसरी वेबसाइट Rajput Provinces of India A HTUL बजेकन-धिंगसरा (Bajekan & Dhingsara) ठिकाने के कुँवर अभिनय राठौर ने किया है, जिसका लिंक www.indianrajputs.com है। श्री हेनरी सोस्जयन्स्की की उपर्युक्त वेबसाइट से प्रेरित होकर ही इस वेबसाइट का निर्माण कुँवर अभिनय राठौर ने किया है। इस तथ्य का उद्घाटन करते हुए उन्होंने लिखा हैwww.members.iinet.net.au/royalty/ips/indexips.html:for all the information and list of all the Rajput Provinces and Princely States. One again thanks to the author Mr. Henry Soszynski (Brisbane, Australia) for deligently maintaining this much information. कुँवर अभिनय राठौर की वेबसाइट अपने उद्घोष-वाक्य Search 7754 Provinces... के द्वारा 775 से अधिक देशी रियासतों की वंशावली उपलब्ध कराने का शिवसंकल्प पूर्ण करती है। इसके प्रथम पृष्ठ पर 1. Home, 2. Provinces, 3. History, 4, Famous, 5. Pictures, 6. Videos, 7. Articles एवं 8. Content लिखा हुआ है। इन्हें क्लिक करने पर सम्बन्धित सूचनाएँ प्राप्त होती हैं। इस वेबसाइट में किसी भी एक राजपूत से सम्बन्धित जितनी भी रियासतों की वंशावली उपलब्ध हैं, उन्हें एकसाथ भी देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि इस वेबसाइट में उपलब्ध चन्देलों की रियासतों का इतिहास और वंश-वृक्ष जानना हो, तो सर्वप्रथम History को क्लिक करें। पुनः अनेक राजपूतों का 7 विवरण आयेगा। इसी क्रम में CHAN- DEL DYNASTY PROVINCES आयेगा। उसे क्लिक करने पर अंग्रेजी-अक्षरक्रम से 1. अगोरी-बड़हर (Agori Barhar), 2. अजबपुर (Ajabpur), 3. बिलासपुर (Bilaspur), 4. चेनानी (Chenani), 5. घुण्ड (Ghund), 6. गिद्धौर (Gidhaur), 7. मधान (Madhan), 8. नालागढ़ (Nalagarh), 9. रामगढ़ (Ramgarh), 10. सहसपुर (Sahaspur) एवं 11. थेओग (Theog) की वंशावली संक्षिप्त इतिहास के साथ उपलब्ध होती है। यद्यपि यह भारत की सम्पूर्ण चन्देल-रियासतों का विवरण नहीं है, तथापि इस वेबसाइट में जितना विवरण दिया गया है, उतना भी एकसाथ अन्यत्र नहीं मिलता है।


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