कैसे बढ़ाएँ चेहरे की खूबसूरती

सुन्दरता सबको प्रिय लगती है। संसार का रचयिता बहुत ही सुन्दर है, और उसने सुन्दर प्रकृति बनाई, तथा 84 लाख योनियों में सर्वोत्तम मानव की रचना की। नारायण को भी जब इस धरती में आना होता है तो उसे भी किसी नारी की कोख का सहारा लेना पड़ता है।


सुन्दरता प्रकृतिप्रदत्त होती है जो कुछ ही सौभाग्यशाली नारियों को मिलती है। नारी सुन्दर एवं गुणवान् हो- ऐसा होना एक अद्वितीय लक्षण होता है। नारी का सजना-सँवरना तथा स्वयं को सुन्दर बनाना भारत की प्राचीन परम्परा रही है। कृत्रिम साधनों से कोई खूबसूरती को टिका नहीं पाया है।



प्राकृतिक साधनों द्वारा करें चेहरे को सुन्दर


आओ, हम प्राकृतिक साधनों का सदुपयोग करके अपने तन तथा मन को सुन्दर बनाएँजो दूसरों को भी सुन्दर लगे। आपकी सुन्दरता में चार चाँद लगाने के लिये कुछ नुस्खे प्रस्तुत हैं।


10 ग्राम पिसा हुआ श्वेत या पीला चन्दन लें, 20 ग्राम छिलका-रहित पिसी हुई लाल दाल, 20 ग्राम पिसी हुई चिरौंजी, 5-7 ग्राम पिसी हुई पीली सरसों तैयार कर लें। इसके बाद गुलाब जल या नारियल पानी मिलाकर मिक्सी में पीसकर लेप बना लें। इस लेप को काँच या चीनी मिट्टी की कटोरी या कप में रखकर फ्रिज में रख लें। प्रातः काल चेहरे पर लेप करें, सूखने के बाद चेहरे को पानी से गीला करके धीरे-धीरे धोयें। यह प्रयोग एक माह करें। इस प्रयोग से आपका चेहरा साफ़, सौम्य, चमकीला, चिकना, एवं कान्तिमय हो जाएगा। चेहरे के दागधब्बे मुहाँसों से छुटकारा मिलेगा।


प्रातःकाल नाश्ते में एक विशेष प्रकार का जूस तैयार करें। गाजर रस 100 ग्राम, अनार रस 100 ग्राम, टमाटर रस 75 ग्राम, चुकन्दर रस 50 ग्राम मिलाकर एक गिलास जूस तैयार हो जाएगा, इसे प्रातःकाल खाली पेट लें, फिर एक घंटे तक कुछ न लें। यह प्रयोग शीतकाल में बहुत लाभकारी होगा। कम-से-कम एक मास पियें। इसके प्रयोग से चेहरे की रौनक आएगी, निखार आएगा, चेहरा रोशन हो जाएगा। परन्तु अपना भोजन-क्रम भी सुधारना होगा। यह पूरे शीतकाल जारी रख सकते हैं।


शुद्ध गुलाब जल, चेहरेवाली ग्लिसरीन, टमाटर रस, नींबू रस, ककड़ी रस या खीरे का रस और मूली रस एक-एक चम्मच काँच की शीशी या कप में भरकर फ्रिज में रख लें। रात्रि को उंगलियों से पूरे चेहरे में लगाएँ। प्रातः सोकर उठने के बाद चेहरा धोकर साफ कर लें। यह प्रयोग 15-20 दिन करें। फिर पुनः अन्तराल देकर प्रारम्भ कर दें। इसके प्रयोग से चेहरे के काले दाग-धब्बे, निशान हल्के होकर गायब होने लगेंगे। सप्ताह में 2-3 बार लगाते रहना चाहिए।


50 ग्राम जौ का आटा छानकर लें, उसमें 50 ग्राम चन्दन की लकड़ी का पिसा चूर्ण तथा 20 ग्राम पिसी हल्दी लेकर मिला लें तथा एक काँच की शीशी में रख लें। रोज प्रातः एक चम्मच सामग्री लें तथा उसमें थोड़ा गुलाब जल, थोड़ा नींबू रस मिलाकर लेप बना लें और चेहरे पर लगायें। सूखने पर अथवा एक घंटे बाद चेहरा गीला करके धीरे-धीरे साफ़ कर लें। इसका प्रयोग 15-20 दिन करें। इससे चेहरे में निखार आएगा तथा कीलमुहाँसों में भी लाभ होगा।


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