‘टाजर्षि संत पीपाजी' पुस्तक का विमोचन

राजस्थान के जाने-माने इतिहासकार ललित शर्मा (झालावाड़) के सद्य:प्रकाशित ग्रंथ ‘राजर्षि संत पीपाजी' का विमोचन पुष्टिमहोत्सव के तहत झालरापाटन के द्वारकाधीश मन्दिर में सम्पन्न हुआ। ग्रन्थ का विमोचन वल्लभसम्प्रदाय के षष्ठ पीठाधीश्वर बड़ोदरा (गुजरात) के गोस्वामी द्वारकेशलाल जी महाराज ने किया। इस अवसर पर महाराजश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि मध्ययुगीन भारतीय समाज में, विशेषकर पश्चिम भारत के राजपुताना, गुजरात, सौराष्ट्र एवं मालवा में वैष्णव भक्ति का 15वीं शती में प्रसार करने का प्रथम श्रेय महान् संत पीपा को जाता है। पीपाजी भारतवर्ष की एक ऐसी विभूति थे जो संत और समाज-सुधारक थे। उन्होंने कहा कि गुजरात में संत पीपाजी का बड़ा नाम है और इस ग्रन्थ के द्वारा वे वहाँ पीपाजी के इतिहास, अध्यात्म और जनजागरण के कार्यों की साधनागत भूमिका को पुनस्थापित करेंगे।



इस अवसर पर महाराजश्री ने ओपरना ओढ़ाकर ललित शर्मा को सम्मानित किया। विमोचन के अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकार, बुद्धिजीवी, उद्योगपति, राजनेता और सैकड़ों वैष्णव परिवार उपस्थित थे।