साहसिक और रोमांचकाटी पर्यटन

वन्यजीव सफारी



वन्यजीव सफारी दुनिया में एक लोकप्रिय भूमि-आधारित साहसिक यात्रा है। वन्यजीव प्रेमी हाथी, ऊँट, जीप या अन्य माध्यम से जंगल एवं राष्ट्रीय उद्यान में प्राकृतिक रूप से निवास करनेवाले जीवों को आमने-सामने देखने का आनन्द लेते हैं। भारतीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अनुसार, भारत में कुल 103 राष्ट्रीय उद्यान हैं। उत्तराखण्ड का जिम कार्बेट नेशनल पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है और परियोजना ‘टाइगर पहल' के तहत आनेवाला पहला राष्ट्रीय उद्यान भी यही था। जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखण्ड), गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात), रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम), सुन्दर वन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल) आदि देश के साहसिक पर्यटनप्रेमियों के लिए प्रमुख स्थल हैं।


पर्वतारोहण



पर्वतारोहण की शुरूआत ऊँचे पर्वतशिखरों पर विजय पाने की महत्त्वाकांक्षा से जुड़ी हुई है। एक पर्वतारोही के लिए चपलता, ताकत, मानसिक धैर्य और सहनशक्ति के साथ-साथ अनुभव, शारीरिक क्षमता, दक्षता और तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। समय के साथ पर्वतारोहण के स्वरूप में कुछ परिवर्तन हुए हैं। भारत में पर्वतारोहण एक खेल का रूप धारण कर चुका है और लगभग सभी पर्वत पर पर्वतारोही अपने शौक को पूरा करते हैं; परन्तु विश्व के सभी पर्वतारोही का जीवन लक्ष्य होता है विश्व के सबसे ऊँचे शिखर हिमालय के एवरेस्ट पर चढ़ना। भारत के 19 पर्वतारोही अब तक इस शिखर पर पहुँच चुके हैं।


रॉक क्लाइंबिंग (चट्टानों पर चढ़ाई)



यह सबसे खतरनाक साहसिक खेलों में से एक है। इस क्रियाकलाप में खिलाड़ी प्राकृतिक, कृत्रिम ऊँची चट्टानों पर या दीवारों पर चढ़ता है। इसमें निर्धारित शिखर पर सकुशल पहुँचना एवं प्रारम्भिक स्थान तक पुनः वापस आना शामिल होता है । इसके लिए कई प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाई जाती हैं, जिसमें न्यूनतम समय में शिखर पर पहुँचना और वापस आना शामिल होता है। अच्छे खिलाड़ी के लिए फुर्ती, ताकत, संतुलन, धैर्य एवं योग्यता की आवश्यकता होती है।


ट्रैकिंग (पैदल यात्रा) 



पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय साहसिक गतिविधि है। ट्रैकिंग करने में अत्यधिक साहस, आत्मविश्वास और मज़बूत शारीरिक गठन की आवश्यकता होती है। सामान्यतः ट्रैकिंग एक लम्बी कठिन पैदल यात्रा होती है। भारत में पहाड़ों की यात्रा न केवल प्राकृतिक सौंदर्य, बल्कि आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत भी दर्शाती है। हिमालय एवम् अन्य पर्वत की ऊँचाई ट्रेकिंग के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करती है। चादर ट्रैक यानी फ्रोजन रीवर, पिन पार्वती ट्रैक (हिमाचल), सिंगलिला कंचनजंगा ट्रैक, फूलों की घाटी (नेशनल पार्क ट्रैक), रूपकुण्ड ट्रैक, बागीनी ग्लेशियर ट्रैक (उत्तराखण्ड), कश्मीर ग्रेट लेक ट्रैक, आदि प्रमुख ट्रैकिंगस्थल हैं।


कैम्पिंग (शिविर)



प्रकृति के सान्निध्य में अपने परिवार, कार्यालय के सहयोगी, मित्र या किसी अन्य समूह के साथ शिविर में कुछ समय व्यतीत करना कैम्पिंग कहलाता है। इसमें आप अपने नियमित दिनचर्या से हटकर प्रकति के संग रहते हैं और पुनः स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा कर लेते हैं। ट्रैकिंग भारत के लगभग सभी पर्वतीय तीर्थों और पर्यटन-स्थलों पर किया जाता है। यह विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र भी है।


स्काई डाइविंग



स्काई डाइविंग दुनिया में एक लोकप्रिय वायु-आधारित साहसिक खेल है। इसमें आपको एयरक्राफ्ट के द्वारा पैराशूट लिए ऊँचाई से छलांग लगानी होती है। कुछ देर हवा में रहने के बाद आपको अपना पैराशूट खोलना होता है, फिर सुरक्षित स्थान देखकर लैण्डिंग करनी होती है। भारत में स्काइडाइविंग का अनुभव प्रदान करनेवाले पर्यटन-स्थल मैसूर (कर्नाटक), धाना (मध्यप्रदेश), दीसा (गुजरात), पुदुच्चेरी, एंबी वैली (महाराष्ट्र) आदि प्रमुख और उपयुक्त स्थल हैं।


रिवर राफ्टिंग



रोमांच, रफ्तार और चुनौतियों का असरदार अनुभव करने के लिए रिवर राफ्टिंग शानदार विकल्प है, लेकिन अन्य दूसरे खेलों की तुलना में काफ़ी जोखिम भरा होता है। उत्तराखण्ड के अलकनन्दा, भागीरथी, ऋषिकेश के पास गंगाजी, जम्मू-कश्मीर के सिंध और जांस्कर, सिक्किम में तीस्ता नदी, हिमाचलप्रदेश की बीस नदी और अरुणाचलप्रदेश के ब्रह्मपुत्र और सुबनसारी कुछ ऐसी जगहें हैं, जहाँ पर आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।


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