अभिनन्दन-गीत

मेरे भारत के लौहपुरुष। सरदार तुम्हारा अभिनन्दन।।


तुमने देखा माँ का बंधन। था देखा शोषण उत्पीड़न।।


दीनों के नयनों का पानी। असहायों का करुण क्रन्दन।।।


तुम मुक्ति युद्ध में गरज उठे। सरदार तुम्हारा अभिनन्दन।।


स्वातन्त्र्य क्रान्ति से जगा दिया। तुमने गुजरात बारडोली।।


हाथों में अपना शीश लिये। चल पड़ी जवानो की टोली ।।


चल पडी विजय तुम चले जिधर।सरदार तुम्हारा अभिनन्दन।।


यह मन्त्र तुम्हारा था जिसने। सब भिन्न राज्य एकत्र किये।।।


संगठित राष्ट्र के कर्णधार। तुम बढ़ते ज्योति स्वतन्त्र लिये।।


तुम अमर तुम्हारी कीर्ति अमर। सरदार तुम्हारा अभिनन्दन।।