अद्भगिनी

हे ईश्वर हृदय से आभारी हूँ। अर्धागिनी तुम्हारी हूँ। सुख दुख हे साझा ।


प्यार आधा-आधा । मेरे प्रारब्ध कर्म है। तू मेरा जीवन है। हौसला है मेरा ।


तकदीर बंधी । सात फेरों में। कभी न भूले वचन । लिए जो संग-संग ।


तुझसे श्रृंगार।मेरी पायल की झंकार। तू ही मेरा प्यार ।


जीने का आधारतेरे पीछे छोड़ा घर द्वार। सजाया तेरा आंगन ।


सलोने सजन । भीगा आज मेरा मन । कर्तव्य तेरी पसंद ।


निभाना मेरा धर्म । मीलों दूर फिर भी डोर है प्रीत मेरे मन मीत की


गठबंधन


सितारों की ओढ़नी पहन। तुम मेरे घर आ जाना।


कुछ धान हथेली में लानाऐसी फसल उगा देना।


खुशबू इसकी दिगंत में फैले। घर बेला सा महका देना।


साथ स्नेह का दीपक लाना। आंचल भर कर खुशियाँ लाना।


मिट्टी के दीप जला देना। मेरा द्वारा सजा देना।


आंगन में रंगोली बना देना।घर रोशनी से भर देना।


प्यार लुटा कर अपना। सब उड़ सके गगन में।


अपना अपना आसमां देना। ये गठबंधन है प्यार का ।


साथ साथ चलते जाना।


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