कैमरे की नजर में बिजनौर उत्तर प्रदेश की वस्त्र परम्परा

वेशभूषा और वस्त्रों के मामले में हमारे देशभारत में बहुत अधिक विविधता है। यहाँ सभी प्रकार के वस्त्रों को गिना जाए तो सैकड़ों से अधिक कोटि बन जाऐगी। जलवायु, रिवाज, आवश्यकता, तीज-त्यौहार तथा उत्सव कार्यक्रम वेश-भूषा को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले कारक हैं। भारत में विदेशी आक्रमणों के दौरान, अनेक बाहरी सभ्यताओं के लोग आ बसे। इनके कारण भी भारतीयों के पहनावे में परिवर्तन हआ। जब यूरोपवासियों ने पूरे विश्व में जगह-जगह अपने उपनिवेश स्थापित किए तब उनकी वेशभूषा का अनुसरण वहाँ के देशवासियों ने भी किया। कोट, पैंट तथा टाई इसका उदाहरण है। वर्तमान में फिल्मी सितारे का पहनावा लोगों की वेश-भूषा में भारी बदलाव ला रहा है। इन बदलावो के कारण पारंपरिक वस्त्र धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं और कुछ दशकों बाद इतिहास हो जाएगे। पहनावे में परिवर्तनों की झलक समेटे हुए जनपद बिजनौर उ.प्र.से संकलित कुछवास्तविक फोटो प्रस्तुत हैं :



राजा बहादुर तेज प्रताप सिंह साहेब (1835-1885)


ताजपुर, जिला: बिजनौर (उत्तरप्रदेश)



एक जनजाति परिवार का चित्र



एक मित्र मण्डली अनेक पहनावे



स्वतंत्रता सेनानी इन्दरसिंह अपने बच्चों के साथ। चित्रसन् 1949


ग्राम रामो रूपपुर,जनपद: बिजनौर (उ.प्र.)



राजा बहादुरजगत सिंह साहेब


राजा का ताजपुर,जिला: बिजनौर



आजादी के आस-पास लिया गया एक चित्र




चूड़ीदार पैजामें के साथ लम्बा कुर्ता



एकपीढ़ी, तीन पहनावे :कुर्ता-पायजामा-स्वेटर, पैंट-बण्डी,कोट-पैंट (दाँयी ओर से बायीं ओर)