गुलमर्ग

जालमर्ग का अर्थ है 'फूलों की वादी'। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में लगभग 2,730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस खूबसूरत हिल स्टेशन को पहले 'गौरीमर्ग' के नाम से जाना जाता था। काश्मीर के अन्तिम राजा युसूफ शाह चक ने इस स्थान का नाम 'गुलमर्ग' रख दिया। गुलमर्ग का सुहावना मौसम, शानदार परिदृश्य, फूलों से खिले बगीचे, देवदार के पेड़, खूबसूरत झीलें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। गुलमर्ग अपनी हरियाली और सौम्य वातावरण के कारण आज एक पिकनिक और कैम्पिंग स्पॉट बन गया है। अंग्रेजों ने यहाँ 1904 में दुनिया के सबसे बड़े गोल्फ कोर्स की स्थापना की थी। वर्तमान में इसकी देखरेख जम्मू-काश्मीर पर्यटन विकास प्राधिकरण करता है। यह स्थान स्कींग में रुचि रखनेवालों में भी लोकप्रिय है। दिसम्बर में बर्फ गिरने के बाद यहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक स्कींग करने आते हैं। यहाँ स्कींग की सभी सुविधाएँ और अच्छे प्रशिक्षक भी मौजूद हैं। गुलमर्ग से आठ किमी की दूरी पर 'निंगली नल्लाह' और 'ऑटर सर्कल वॉक'- दो प्रमुख आकर्षक स्थल हैं। बायोस्पीयर रिजर्व भी गुलमर्ग का प्रसिद्ध पर्यटनस्थल है। टंग, जिसकी खोज हाल ही में हुई है, गुलमर्ग का सबसे बढ़िया पिकनिक स्पॉट है। इनके अलावा गुलमर्ग में और भी कई पर्यटन-स्थल हैं, जैसे- बाबा रेशी की दरगाह, फिशिंग पॉड, बनीबल नग, कौतर नग, और सोनमर्ग। ये सारे यहाँ के पिकनिक और कैम्पिंग स्पॉट है। सोनमर्ग, जिसे 'सोने का मैदान' भी कहा जाता है, से अमरनाथ जाया जा सकता है।