कमजोर आँखे

भगवान ने हर जीव को दो सुन्दर नेत्र दिए हैं। इन सुन्दर नेत्रों से ईश्वर की सुन्दर हरी-भरी प्रकृति पड़े-पौधे, सुन्दर पुष्प, नदी-पर्वत, चाँद सितारे सब कुछ अच्छी तरह देख सकते हैं, परन्तु यदि हमारी नजर ठीक हो तो सबकुछ अच्छी तरह देख सकते हैं, परन्तु यदि हमारी नजर कमजोर हो तो सब कुछ धुंधला दिखता है इसी को कमजोर नजर कहते हैं।


नजर तेज करने के प्राकृतिक उपाय


यदि हम जीवन के जीने की शैली को कुछ बदल लें तथा अच्छे उपाय करें तो नजर की कमजोरी ठीक कर सकते हैं।


1. प्रातः उठकर घास पर 10-15 मिनट नंगे पैर प्रतिदिन चलें।


2. प्रतिदिन प्रातः नहाने से पूर्व मुख में पूरा पानी भरकर साफ पानी से आँखें छीटें


3. बाल्टी में साफ पानी भर कर चेहरे को  थोड़ा पानी में डुबाकर पानी में आँखें 10-15 बार खोलें व बन्द करें।


4. प्रतिदिन प्रातः हल्के गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर टोटी-दार लोटे से दोनों नथुनों से जल भिति क्रम से करें फिर घी या सरसों का तेल लगा लें।


5. रात्रि में 2-3 ग्राम त्रिफला चूर्ण 20-25 मि.ली. साफ पानी में मिलाकर काँच के गिलास में ढककर रख दें। प्रातः पानी निथारकर छानकर आँख धोने वाले कप में पानी भरकर आँख दुबोकर बार-बार आँखें खोलें व बन्द करें। (30-40 बार)


6. रात्रि सोने से पूर्व पैर के तलुओं पर गाय घी अथवा सरसों के तेल से मालिस करें।


7. आँखों के व्यायाम प्रातः-सायं करें। अपनी तर्जनी उंगली को खड़ी करके उसके अग्रभाग में नजर जमाकर उंगली मारें। पास-दूर करें फिर उंगली को चक्राकार घुमाएँ। ऐसा कई बार करें। रात्रि में गुलाब जल (20 मि.ली में एक ग्राम फिटकरी डालकर घोल ले) की दो-दो बूंदें डालकर सोएँ।


8. हरी शाक सब्जियाँ खाएँ, कच्चा सलाद खाए एवं पके हुए फल खाएँ, मेवे भिगोकर साफ करके उचित मात्रा में खाएँ।


9. रसदार मीठे फल, नारंगी, अन्नानास अंगूर, आम, टमाटर, नीबू, नासपाती, बेल फल, बेर, अमरूद, पपीता, सेब, केला, खजूर आदि मौसम के फल खाएँ।


10. हरा धनिया, पुदीना, पालक, चौलाई, बन्द गोभी, हरी मटर, मेथी, बथुआ साग, गाजर, करेला, तोरी, हरी मिर्च, आदि खाएँ। इनमें विटामिन काफी होता है।


11. पर्याप्त मात्रा में दूध पिएँ एवं घी खाएँ। घी सदैव सब्जी में डालकर खाएँ। (उच्च रक्तचाप वाले न लें)


12. रोज सुबह खाली पेट दोनों आँखों की तर्जनी व मध्यमा उगंली के नीचे जड़ पर तथा पैर की इन्हीं दो उंगलियों के नीचे आधा से एक मिनट क्रम में तीन बार दबाव देकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा करें। (किसी चिकित्सिक से सीखकर


13. दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ।


14. सुबह-शाम मरिज को अनुलोम विलोम कपाल-भांति और भरमरी प्राणायाम करें।


15. रोज सुबह योगासन करें या पूरे शरीर, का व्यायाम करें


16. खाना हल्का सुपाच्य एवं शाकाहारी


17. आँखों को धूल, मिट्टी, धुंआ, गन्दा पानी, अधिक धूप, अधिक ठंड आदि से बचाएँ।


18. अधिक रात्रि जागरण न करें अधिक इंगलीश दवाएँ सेवन न करें।


घरेलू चिकित्सा द्वारा उपचार :


घरेलू चिकित्सा एक प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा का अंग है। इस चिकित्सा द्वारा हम कमजोर नजर को तेज कर सकते हैं। आइए कुछ नुस्के अजमाकर देखें।


1. 200 ग्राम बादाम गिरि, 200 ग्राम सौंफ 20 ग्राम दक्षिणी मिर्च (सफेद मिर्च) पीसकर 50 ग्राम मिथी पीसकर मिला लें। 2-2 चम्मच दवा गाय दूध के साथ सुबह-शाम 3-4 माह सेवन करने से नजर में इजाफा होता है। साथ में ऊपर बताएँ अन्य उपाय भी करें।


2. गोरख मुंडी का अर्क 25-30 मि.ली. नित्य प्रातः कुछ दिन सेवन करने से नजर बढ़ती है।


3. एक हल्दी की गाँठ को नीबू में छेद करके अन्दर रख दें। जब 8-10 दिन में नीबू सूख जाए तो फिर दूसरे नीबू में अन्दर रख दें। यह प्रक्रिया 3 बार करें। अर्थात एक महीने बाद उस गाँठ को गुलाब की कुछ बूंदें पत्थर पर डालकर घिसकर, अंजन की तरह आँख में लगाएँ। कुछ दिन लगाने से आँख की रोशनी में फायदा होगा।


4. 100-100 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण, ऑवला चूर्ण तथा मुलेठी चूर्ण मिलाकर रख लें। 4-5 ग्राम दवा रोज प्रातः सायं दूध के साथ 2-3 माह लेने से आँखों की कमजोरी में लाभ होता है।


5. सफेद कटेली की जड़ को नीबू रस की कुछ बूंदें सिल पर डालकर घिस कर अंजन की तरह आँख में प्रातः रात्रि में कुछ लगाने से कमजोर नजर में फायदा होता है।


6. पुर्ननवा की जड़ को शहद में घिसकर आँखों में लगाने से भी कमजोर नजर वालों को फायदा होता हैं।


7. छोटी हरड को शहद में घिसकर आँखों में कुछ दिन लगाने से भी नजर तेज होती है।


8. बेल पत्ते की रस की एक-एक बूंद दोनों आँखों में सुबह-शाम कुछ दिन डालने आँखों कमजोर नजर में फायदा होता है।


9. ऑवला नित्य किसी रूप में रोज सेवन करने से आँखों की नजर शिर के बाल, पेट, शरीर की आन्तरिक शक्ति सब में आजीवन फायदा होता है।