नकली सीबीआई का रौब-दाब,ज्यादा देर न टिक सका, ईमानदारी के सामने

सीबीआई के नाम पर फर्जी गिरोह बनाकर, छापेमारी के माध्यम से अवैध धन उगाही का एक अनोखा मामला सामने आया है। उ.प्र. के जनपद संभल की असमोली शुगर मिल की डिस्टलरी डिपो के अन्दर एथेनॉल ट्रकों में लोड किया जा रहा था, कि अचानक 15-20 लोग उच्च अधिकारियों की वेशभूषा तथा रौब-दाब में वीआईपी गाड़ियों से वहाँ पहुँचे और लोडिंग की वीडियो बनाने लगे। उन्होने वहाँ मौजूद कर्मचारियों को बताया कि हम लोग सीबीआई से हैं और पता चला है कि यहाँ बहुत बड़े पैमाने पर गलत लोडिंग हो रही है। थोड़ी देर तक इसी प्रकार डराने और धमकाने के बाद, इनमें से कुछ लोग 15 से 20 लाख की घूस के बदले मामला निबटाने की बात करने लगे। डिस्टलरी के कर्मचारियों ने इस बात की खबर वहाँ मौजूद सहायक आबकारी आयुक्त अतुलचंद्र द्विवेदी को दी। अतुलचंद्र द्विवेदी जब उनके पास पहुँचे तो गिरोह ने इनको भी अपने रौब में लेना चाहा। परन्तु अपनी साफ-सुथरी एवं ईमानदार कार्यप्रणाली के चलते उन्होंने गिरोह का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और दबंगता से बात कर रहे गिरोह के एक व्यक्ति का पूरा परिचय पूछ लिया। उन्होंने पूछा कि आप सीबीआई के किस डिविजन और किस यूनिट से हैं तथा आपका क्षेत्रिय कार्यालय कहाँ पर है और आपको उस कार्यालय में किस नम्बर का कमरा एलॉट है, तो उसकी बोलती बंद होने लगी।  इससे ये लोग शक के दायरे में आ गये। जब इनसे थोड़ी और गहराई से पूछा गया तो गिरोह के लोग ठीक जबाव नहीं दे पाए। अतुलचंद्र द्विवेदी समझ गए कि यह नकली ग्रुप है, जो ब्लैकमेलिंग कर धन उगाही करने में लगा है। उन्होंने साहसपूर्ण कार्यवाही करते हुए इनको अपने गार्डों से पकड़वा लिया और पुलिस को सौंप दिया। इस बीच गिरोह के लोग देख लेने की धमकी देते रहे। पुलिस की पूछताछ में साफ हुआ की ये लोग सीबीआई के नाम पर फर्जी संगठन बनाकर यहाँ-वहाँ छापे मारते हैं और अवैध रूप से धन उगाही करते हैं। बताया जा रहा है कि यह गिरोह अभी तक सीबीआई के नाम का प्रयोग कर अनेक वारदात कर चुका हैं। इनका हौसला तथा दुस्साहस गौरतलब था। आरोपियों से कड़ाई पूर्वक पूछताछ न की जाती तो, न तो इनके द्वारा पूर्व में की गई वारदातों का पता लग पाता और न ही ब्लैकमेलिंग की दुनियाँ में तेजी से बढ़ते इनके कदम रूकते। इनकी फर्जी उगाही की चपेट में आकर न जाने कितने लोगों ने आर्थिक और मानसिक तनाव झेले होंगे। गिरोह के पकड़े जाने से भविष्य में अनेक सरकारी कर्मचारी ठीक प्रकार काम कर सकेंगे। नकली सीबीआई के इस फर्जी गिरोह को नैतिक आत्मबल, दृढ़ता तथा साहसपूर्ण तरीके से पकड़ने के लिए सहायक आबकारी आयुक्त अतुलचंद्र द्विवेदी सराहना तथा प्रशंसा के पात्र हैं। यह घटना 27 जून 2019 सुबह 11 बजे के आस-पास की है।