शंकराचार्य मन्दिर

शंकराचार्य मन्दिर श्रीनगर के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में शंकराचार्य पर्वत की चोटी पर स्थित है। 1,100 फीट की ऊँचाई पर खूबसूरत वादियों में स्थित, इस प्राचीन मन्दिर को 'ज्येष्ठेश्वर मन्दिर' और 'पास-पहाड़' नाम से भी जाना जाता है। मुसलमान इसे 'तख्न-ए-सुलेमान' कहते हैं। ढाई हजार वर्ष पूर्व आद्य शंकराचार्य ने अपने काश्मीर-भ्रमण के दौरान इस पहाड़ की चोटी पर निवास किया था। यहाँ मन्दिर का निर्माण राजा गोपादत्य ने (240-256) ने कराया था।



डोगरा-शासक महाराजा गुलाब सिंह (1822-1856) ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर में पत्थर की सीढ़ियों का निर्माण करवा दिया था। हिंदुओं का एक धार्मिक स्थल होने के अलावा यह मन्दिर महान् पुरातात्त्विक महत्त्व भी रखता है। एक ऊँचे अष्टकोणीय चबूतरे पर बने इस मन्दिर की वास्तुकला में पुरातन काश्मीरी शैली परिलक्षित होती है। यह मन्दिर प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्त्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के अंतर्गत संरक्षित राष्ट्रीय स्मारक है और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की देखरेख में है।