घोर अंधियारे में


'घोर अंधियारे में


मिट्टी से मिट्टी को


जोड़ते-गुंथते एक दीया


रचता उम्मीद का


उजियारा


और


जीवन की


खिलखिलाहट से


खिलता एक दीया


चुपचाप


अंधकार के विरूद्ध


आँधियों के विरुद्ध


अडिग है


 


उम्मीद का दीया


जीवन का प्रकाश है


सभ्यता की गति में


एक दीया


संस्कृति का उत्सव है..!!!'


 


'एक दीया


बस दीया भर नहीं


अंधकार के विरूद्व


उजियारे का राज


और घोर विपन्नता में


उम्मीद का कोरस


रचता दीया


छा जाता


पृथ्वी से आसमान पर'