शांति गया स्मृति सम्मान पंकज सुबीर व ओलिम्पियन सुजीत कुमार सहित २४ हस्तियाँ से सम्मानित

शहीद भवन भोपाल के सभागार में द्वितीय 'शांति-गया स्मृति सम्मान' समारोह का आयोजन, 'गया प्रसाद खरे, स्मृति साहित्य कला एवम खेल संवर्द्धन मंच' द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ से पधारे अट्टहास पत्रिका के सम्पादक श्री अनूप श्रीवास्तव ने की जबकि समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध लेखिका मैत्रैयी पुष्पा उपस्थित थीं। विशिष्ट अतिथियों में वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. हरि जोशी, श्री रमेश सैनी एवम हॉकी ओलिम्पियन सैयद जलालुद्दीन मंचासीन रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन अन्तरराष्ट्रीय कमेंट्रेटर दामोदर आर्य ने किया।



कार्यक्रम के प्रथम सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका संचालन कुमार सुरेश ने किया। गोष्ठी में सर्वश्री जहीर कुरैशी, श्रवण कुमार उर्मलिया, पंकज सुबीर, दिनेश प्रभात, ममता बाजपेयी, बृज श्रीवास्तव, कान्ति शुक्ला 'उर्मि' श्री अरुण अर्णव खरे ने भी रचना पाठ किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में दिनेश नायर के निर्देशन में रजिया सज्जाद जहीर की कहानी 'यस सर' का नाट्य मंचन किया गया।


कार्यक्रम के तृतीय सत्र में श्री अरुण अर्णव खरे के उपन्यास 'कोचिंग/कोटा' का लोकार्पण किया गया। वरिष्ठ कहानीकार गोपाल नारायण आवटे के कहानी संग्रह 'पाकिस्तान जिंदाबाद' तथा अरुण अर्णव खरे के अतिथि संपादन में प्रकाशित अट्टहास के अक्टूबर अंक का भी मंचस्थ अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया।


अंतिम सत्र में मंचस्थ अतिथियों द्वारा साहित्य, कला एवं खेल जगत से जुड़ी 24 हस्तियों को शाल, श्रीफल, सम्मानपत्र व सम्मान-राशि से सम्मानित किया गया। 'शांति-गया स्मृति शिखर सम्मान' से चर्चित साहित्यकार पंकज सुबीर को सम्मानित किया गया। उन्हें शाल, श्रीफल व सम्मान पत्र के साथ रु. 5100/- की राशि भेंट की गई। इसी श्रेणी में रु. 2100/- सम्मान निधि के साथ दूसरा सम्मान जोधपुर की डॉ. जेबा रशीद को प्रदान किया गया। इसके साथ ही पहली बार प्रवासी साहित्यकारों के लिए संस्थित सम्मान अमेरिका की कहानीकार सुधा ओम ढींगरा को कहानी संग्रह 'सच कुछ और था' के लिए दिया गया।


चार श्रेणियों में दिए जाने वाले साहित्यिक सम्मानों में रु. 2100/- का उपन्यास विधा का सम्मान झांसी के बृजमोहन को 'मदारी पासी' पर, कहानी विधा में शिमला की मृदुला श्रीवास्तव को 'जलपाश' पर, व्यंग्य विधा में भोपाल के अनुज खरे को 'बातें बेमतलब' पर तथा कविता में कनाडा के धर्मपाल महेन्द्र जैन को 'इस समय तक' पर प्रदान किये गए। साहित्येत्तर विधा के लिए दिया जाने वाला सम्मान स्वास्थ्य विषयक अनेक बेस्टसेलर पुस्तकों के लेखक अबरार मुल्तानी को प्रदान किया गया। खेलों के लिए हाकी ओलिम्पियन सुजीत कुमार (जयपुर) तथा खेल समीक्षा के लिए हरेंद्र नागेश साहू (रायपुर) को एवं नाट्य कला के लिए रंगकर्मी दिनेश नायर (भोपाल) एवं बाल कलाकार व्योम आहूजा (लखनऊ) को सम्मानित किया गया।


सम्मानित होने वाली अन्य हस्तियों में दिल्ली की वंदना यादव (उपन्यास 'कितने मोर्चे'), सूरत की रश्मि तारिका (कहानी संग्रह 'कॉफी कैफे'), लखनऊ की वीना सिंह (व्यंग्य संग्रह 'बेवजह यूँ ही') तथा गाजियाबाद के डॉ. ब्रह्मजीत गौतम (कविता संग्रह 'एक बहर पर एक गजल') शामिल थे। प्रत्येक विधा में दो-दो प्रशस्ति पत्र- उपन्यास के लिए दयाराम वर्मा (भोपाल) एवं बल्देव त्रिपाठी (लखनऊ), कहानी के लिए गोविंद सेन (धार) व डॉ. लीला दीवान (जोधपुर), व्यंग्य के लिए वीरेंद्र सरल (रायपुर) व सुदर्शन सोनी (भोपाल) तथा कविता के लिए अशोक कुमार धमैनिया (भोपाल) व राजकुमार जैन राजन (चित्तौड़गढ़) को प्रदान किये गए।


ज्ञातव्य हो कि इस अखिल भारतीय सम्मान के विचारार्थ देश भर से इस वर्ष लगभग डेढ़ सौ पुस्तकें प्राप्त हुई हैं जिनमें से किसी एक पुस्तक को सम्मान हेतु चुनना मुश्किल एवं दुरूह कार्य था।


कार्यक्रम के अंत में श्री गोकुल सोनी ने आभार व्यक्त किया। आयोजन में शहर के एवम् बाहर से पधारे विभिन्न साहित्यकारों, मीडियाकर्मियों एवम गणमान्य नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।