संगोष्ठी में डॉ. मुक्ति पाराशर की चित्र प्रदर्शनी

विगत माह उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के वाग्देवी भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के विशिष्ठ साहित्यकार एवं चिंतक उपस्थित हुए। संगोष्ठी में कोटा (राजस्थान) की जानी-मानी कलाविद् डॉ. मुक्ति पाराशर के संयोजन में "एक ब्रश राष्ट्र के नाम' चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ. पाराशर ने अपनी टीम के साथ सन् 1857 से 1947 ई. तक के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के शहीदों के लगभग 50 चित्रों को प्रदर्शित किया। ये सभी चित्र हस्त निर्मित थे जिनमें झांसी की रानी, तात्या टोपे, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द बोस, भगत सिंह आदि के चित्रों के साथ अंग्रेजी राज में भारतीयों के त्याग, बलिदान का सुन्दर चित्रण उकेरा गया। प्रदर्शनी को देश के विभिन्न प्रान्तों से आये साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों एवं विश्वविद्यालयी छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह से देखा तथा प्रश्न पूछे। इस अवसर पर डॉ. मुक्ति पाराशर ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी के मन मस्तिष्क से विलुप्त होती जा रही देश के क्रांतिवीरों की छवि को पुनः स्थापित करना है। अतः ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रवाद को जाग्रत करने हेतु ऐसी प्रदर्शनी आयोजित की गई है। ज्ञातव्य कि डॉ. पाराशर ऐसी प्रदर्शनी देश के कई राज्यों के महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में आयोजित कर चुकी है। इसमें 8 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक के कलाकारों के चित्र शामिल है।